श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2024: तिथि और जानें इस त्यौहार के महत्त्व और उत्स्व के बारे में!
श्री कृष्ण जन्माष्टमी भगवान विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है। इस शुभ दिन पर, भक्त भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा करते हैं, जिन्हें “लड्डू गोपाल” के नाम से जाना जाता है। श्री कृष्ण का जन्म बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
भक्त इस पवित्र त्यौहार को अन्य नामों से भी पहचानते हैं, जैसे कृष्णाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्री जयंती, श्रीकृष्ण जयंती और गोकुलाष्टमी। वे इस त्यौहार को विशेष आकर्षण, उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैं, और इस शुभ दिन को चिह्नित करने के लिए विस्तृत रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों की एक श्रृंखला है। इस त्यौहार के बारे में आपको जो कुछ भी जानना चाहिए, वह यहां जानें।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2024 की तिथि और दिन
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह त्यौहार आमतौर पर अगस्त या सितंबर में पड़ता है। इस वर्ष 2024 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त, सोमवार को मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि 26 अगस्त 2024, सोमवार को सुबह 3:39 बजे से शुरू होगी और रात 2:19 बजे 27 अगस्त 2024 को समाप्त होगी।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2024 – महत्व और उत्सव
भक्त इस शुभ दिन को पूरे देश में विभिन्न अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों के अनुसार मनाते हैं। वे श्री कृष्ण के जन्म के समय आधी रात तक उपवास रखते हैं। वे आभूषणों और फूलों से सजी भगवान की मूर्ति को पालने में रखते हैं और प्रार्थना करते हैं। वे मंदिरों में जाते हैं और भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लेते हैं। भक्त इस दिन स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाते हैं और भगवान कृष्ण को भोग लगाते हैं। भगवान कृष्ण को भोग के रूप में आटे की पंजीरी, धनिया पंजीरी, पंचामृत और माखन-मिश्री जैसे खाद्य पदार्थ चढ़ाए जाते हैं।
मंदिरों और घरों को भी फूलों, रोशनी और रंगोली से सजाया जाता है। मंदिरों में विशेष समारोह और कार्यक्रम होते हैं, और हर जगह भजन और धार्मिक गीत गाए जाते हैं। कई बच्चे भगवान कृष्ण की तरह तैयार होते हैं और खूबसूरत पोशाक पहनते हैं। महाराष्ट्र जैसे कुछ क्षेत्रों में दही हांडी भी खेली जाती है। मथुरा और वृंदावन में विशेष उत्सव होते हैं। सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी के अनुसार, इस शुभ त्योहार को अधिक भक्ति और पवित्रता के साथ मनाया जाना चाहिए। आप सबको हमारी ओर से श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ! भगवान कृष्ण का आशीर्वाद हम सब पर सदा बना रहे।